Wednesday, March 23, 2011

स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा पुर्ण सादर नमन......!

लाला लाजपत राय ने
 ०३ फरवरी १९२८ को अपने
भाषण मै कहा था कि मेरे
 शरीर पर लगी लाठिओं के चोट
 बिर्टिश साम्राज्य के कफ़न,
की एक -२ कील सावित होगी,
 आज की स्वतंत्र हवा की
 हर एक -२ सांस ,
इन भारतीय स्वतंत्रता
सेनानियों की ही देन है. 
सादर नमन......!
वन्दे मातरम .

*** जय हिंद ****

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