Thursday, October 31, 2013


हुई कण्ठहार हिंदी !

भारत का ,भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !

प्रगति का ,परम्परा का 
सुखदायी योग तुझमें ,
ममता और त्याग ,भक्ति 
ओजस नियोग तुझमें ।
पीयूष-पयोधिरस का ,
अतुलित आगार  हिंदी ।।

भारत काभारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !

बढ़कर विजय के पथ पर 
अब कहीं कदम न ठहरे ,
जग में पताका यश की 
दिग-दिगंत मात फहरे ।
प्रतिपल हृदय का तुझसे 
जुड़े तार-तार हिंदी ।।

भारत का भारती का 
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !
जय-हिन्द 

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